वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की biography 2021
नाम ————-वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन
जन्म- ————तिथि 14 मार्च 1879
स्थान———— उल्म, जर्मनी
पिता का नाम—-हरमन आइंस्टाइन
माता का नाम —पाओलीन आइंस्टाइन
पत्नी—————पहली मिलीवा और दूसरी एलिसा
मृत्यु हो ———-18 अप्रैल 1955 (आयु 76 वर्ष)
बचपन
“अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म(14 मार्च 1879) को दक्षिणी जर्मनी.के सवाविया प्रांत के यहूदी परिवार में होता है, जिस जगह इस टाइम का जन्म हुआ था.उस जगह को गुटेनबर्ग भी कहा जाता था.आइंस्टाइन के पिता का नाम हरमन.आइंस्टाइन और माता का नाम पाओलीन.आइंस्टाइन था. उनके पिता विद्युत इंजीनियर के अच्छे जानकार थे. जिस साल आइंस्टाइन का जन्म हुआ था.उसी साल पूरा परिवार म्युनिख. आकर बस गया वहां पर उसके पिता ने एक बिजली के उपकरणों की दुकान खोली , उनके पिता स्वतंत्र विचार वाले व्यक्ति थे उन्होंने अपने परिवार को भी यही संस्कार दिए थे, आइंस्टाइन की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी ,
शिक्षा
शायद ही बहुत कम लोग जानते होंगे,कि अल्बर्ट आइंस्टाइन जब मैं छोटा बच्चा था. तो उसे ‘मूर्ख’और बुद्धू बच्चा समझा जाता था.आइंस्टाइन को भाषा का ज्ञान बहुत ही कम था.1885 मैं आइंस्टाइन ने प्राइमरी स्कूल में दाखिला लिया,कुछ दिनों तक तो स्कूल में गए. लेकिन अल्बर्ट को स्कूल दिलचस्पी नहीं थी.
लेकिन अल्बर्ट की मां उसके भीतर छिपी प्रतिभा, को भलीभांति पहचान थी आइंस्टाइन की मां संगीत, में बहुत रुचि रखती थी. अल्बर्ट को भी संगीत कला में गहरी दिलचस्पी थी.उसकी मां जानती थी. क्यों उनके पुत्र को संगीत में बहुत लगाव है. उसके बाद में वह फिर से स्कूल जाने लगे जब अल्बर्ट 12 साल का हुआ तब एक होनहार छात्र के रूप में निखर चुका था.
जब आइंस्टाइन ने अपने स्कूल की प्रारंभिक शिक्षा पूरी की उसके बाद 1881, में आगे की पढ़ाई के लिए म्यूनिख शहर लइपोल्ट जिम्नेजियम,नामक शिक्षा संस्थान में भर्ती करा दिया गया। किंतु,उस स्कूल में उनके पढ़ाई में मन नहीं लगा और स्कूल को छोड़ दिया.स्कूल को छोड़ने के बाद स्कूल का प्रणाम पत्र से वंचित रह गए. उसके कारण उसी 1895 कॉलेज में दाखिला नहीं मिला. 1896 में 16 वर्ष की आयु में ज्यूरिख पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला ले लिया. पॉलिटेक्निक में दाखिला ले लिया, लेकिन उसमें पढ़ने व रहने का खर्चा उठा पाना बहुत ही मुश्किल था.
अल्बर्ट ने अपने रहन-सहन पहनावे पर ध्यान देना और उस पर फिजूल खर्च करना बंद कर दिया, उनकी रूचि विशेष रूप से भौतिक विज्ञान में थी अल्बर्ट ने ज्यूरिख पॉलिटेक्निक कॉलेज से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त कर ली थी.
नौकरी
(1902) आइंस्टाइन स्विच पेटेंट,ऑफिस में मिस्टर के पास नौकरी मिल गई मिस्टर के वहां ऑफिस में क्लर्क के पद पर नियुक्त कर लिया गया.इस नौकरी में उन पर काम का कोई अधिक दबाव नहीं था. ऑफिस में कुल कार्य का समय का लगभग आधा समय वह किसी अन्य काम में भी लगा सकते थे, उन्होंने ऐसा ही किया.
(1911)उन्हें प्राग जर्मनी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया. इसके बाद 1912 मैं आइंस्टाइन लाइडेन विश्वविद्यालय में अतिथि प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति मिल उन्होंने इस पद पर 1928 अध्यापक के तौर पर रहे हैं.1921 में विश्व के सर्वाधिक प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया. उन्हें भौतिक का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया इसके बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी बड़े सम्मान और प्रतिष्ठा के अधिकारी बन गए थे.
शादी
इसके बाद में (1903आइंस्टाइन और मिलीवा शादी के बंधन,में बंध गई) 1904 में उनके घर खुशियां लेकरआए.जब उन्हें प्रथम बेटे हंस अल्बर्टआइंस्टीन पुत्र हुआ, उसके बाद में मैं एक बच्चा और हुआ उनके दो पुत्रों की प्राप्ति हुई थी. 1919 मैं उन्होंने दूसरा विवाह किया मुश्किल पत्नी का नाम एल्सा था. एल्सा उनके बचपन की मित्र थी एल्सा अपने साथ दो पुत्रियों को भी साथ लाई थी. 1936 में एल्सा की मृत्यु हो गई.
वैज्ञानिक करियर
1902 से 1903 प्रमाणिक घटनाओं का प्रयास किया था इसके बाद में वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने रेले स्कैटरिंग को खोजा जो तरंग धैर्य किरणें से भी छोटा होता है अल्बर्ट्स ने घनत्व के उतार-चढ़ाव के बारे में भी बताया 30 जून 1905 आइंस्टीन ने ज़ूर इलेक्रोट्रोडायनामिक ब्वॉइजर कोपर की खोज की तथा इसको प्रकाशित 26 सितंबर को किया गया
इसके बाद में बिजली और चुंबक के यांत्रिक में बदलाव किया गया 1907 और 1915 के बीच गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत है जिन्हें अल्बर्ट ने विकसित कियाइससे सिद्धांत से अंतरिक्ष और समय का गुरुत्वाकर्षण मापा जाता है ऑस्टिन ने यह भी भविष्यवाणी की थी गुरुत्वाकर्षण बल का फैलाव अधिक होगा आइंस्टीन ने 1916 में गुरुत्वाकर्षण तरंगों की भविष्यवाणी की थी स्पेसटाइम मैं तरंगें जो तरंगों के रूप में फैलती हैं वह गुरुत्वाकर्षण की भौतिक क्रियाएं अनंत गति से फैलती वह बताती है
मृत्यु
18 अप्रैल 1955 आइंस्टाइन की प्रिंसटन अस्पताल में मृत्यु हो गई आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके घर वालों से पूछे बगैर ही उनका दिमाग निकाल लिया गया उसके दिमाग को डॉक्टरों ने रिसर्च किया डॉक्टरों ने उनके दिमाग के कई सैंपल वैज्ञानिकों के पास भेजें वैज्ञानिकों को से पता लगा कि उनका दिमाग आम इंसान से कोशिकाओं ज्यादा है
विचार
जिंदगी जीने के दो तरीके अपनाओ. पहला कि कुछ चमत्कार नहीं हैं और दूसरा दुनिया की हर चीज चमत्कारी हैं.
जीवन में जिस इंसान ने कभी कोई गलती नहीं की उसने कुछ नया सीखने का प्रयास नहीं किया
‘समुंदर की जो जहाज होती है.वह समुंदर के किनारे सबसे सुरक्षित है’
“लेकिन वह समुंदर के किनारों पर खड़े रहने के लिए नहीं बनी”
यदि इंसान को जीवित रहना है तो उसे नई खोज करनी चाहिए
वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की biography 2020
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